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Fasal Rog Praband (Hindi)

By: Thakur, M.P.
₹ 1,526.00 ₹ 1,695.00

ISBN: 9788170196235
Year: 2018
Binding: Paperback
Language: hindi
Total Pages: 410

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प्रस्तावना

कृषि व्यवसाय भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो 60 प्रतिशत लोगों की आजीविका का साधन है। गत वर्षों में कृषि में नवाचार से कृषि विकास तेजी से हुआ है, जिसका परिणाम है कि हमारा देश कृषि में आत्म निर्भर हो चुका है एवं वर्ष 2016-17 में, फसल उत्पादन में 270 मिलियन टन का आंकड़ा पार कर चुका है। फसल उत्पादन के दौरान पौधे अनेक प्रकार के रोगजनकों जैसे फफूंद, जीवाणु, विषाणु, फायटोप्लाज्मा, सूत्रकृमि, पुष्पीय परजीवी पौधों से प्रभावित होते है। इन रोगजनकों के द्वारा उत्पन्न रोगों का सही समय पर न पहचानना तथा समय पर उनका समुचित प्रबंधन न करने से फसले नष्ट हो जाती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान / क्षति हो जाती है। फसलोत्पादन में एक अनुमान के अनुसार, रोगों से प्रति वर्ष लगभग 25-30 मिलियन टन फसल की उपज कम होती है. जो कि कुल फसल उत्पादन का लगभग पाँचवा हिस्सा है। इन रोगों से प्रति वर्ष लगभग रु. 1,50,000.00 करोड़ राशि की हानि होती है। अज्ञानता व पर्याप्त जानकारी के अभाव में किसान इन जैविक / अजैविक कारकों को समय पर नहीं पहचान पाता, जिसके परिणामस्वरूप वे जब उग्ररूप में प्रदर्शित होते है तब तक उनका निदान कर पाना संभव नहीं हो पाता। रोगों से फसलो में हो रहे इस नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि समय पर रोगों की पहचान, उनका प्रसार अनुकूल परिस्थितियों का ज्ञान किसान भाइयों को प्रदान किया जा सके।

देश के चुनिंदा फसल रोग विशेषज्ञों के माध्यम से महत्वपूर्ण फसलों के रोगों, उनके लक्षणों, रोगजनकों, अनुकूल वातावरण तथा उनके समेकित रोग प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी "फसल रोग प्रबंधन" नामक पुस्तक के माध्यम से संकलित की गई हैं। रोग प्रबंधन के अलावा मशरूम उत्पादन की खेती तथा उनमें उत्पन्न रोगों के प्रबंध न पर भी मशरूम विशेषज्ञों द्वारा लेख आमंत्रित किये गये हैं ताकि पाठकों को समग्र रोग प्रबंधन की जानकारी एक जगह पर प्राप्त हो सके। रोग प्रबंधन में सूचना एवं प्रसार तकनीकी के नवीन उपायों का भी समावेश किया गया है, ताकि किसान विभिन्न माध्यमों से मोबाईल एप का समय पर उपयोग कर फसलों में हो रहे नुकसान को कम कर सके।

हम डॉ. एस. के. पाटिल मान कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अत्यन्त आभारी हैं जिनकी प्रेरणा से लेखन कार्य में वांछित सहयोग मिला। हमें पूर्ण विश्वास हैं कि प्रस्तुत पाठ्य पुस्तक "फसल रोग प्रबंधन" फसल उत्पादकों, किसानों, मैदानी विस्तार कार्यकर्ताओं के लिये अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। पुस्तक की त्रुटियों/ खामियों को उजागर करने के लिये हम अपने पाठकों के अत्यंत आभारी रहेगें।