ISBN: 81-7019-568-4 ; 9788170195689
Year: 2017
Binding: Hardbound
खंड (क): भारत, भाषा एवं समय
1. भाषा, समय एवं संवाद का सच शैलेन्द्र कुमार सिंह एवं अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी
2. भारत का भाषाई भू-परिदृश्य सामयिक एवं सापेक्षिक सच - अरिमर्दन कुमार त्रिपाठी एवं शैलेन्द्र कुमार सिंह.
3. भारत का भाषाई यथार्थ संकटग्रस्त भाषाएँ एवं उनका दस्तावेजीकरण- परमान सिंह
4. भारतीय भाषाएँ : भूगोल और इतिहास का सच गोविन्द स्वरूप गुप्त
खंड (ख) : उदयनारायण सिंह : व्यक्तित्व एवं कृतित्व
5. उदयनारायण सिंह 'नचिकेता' राम लोचन ठाकुर
6. उदयनारायण सिंह 'नचिकेता' की नाट्य प्रवृत्ति अरुण कुमार सिंह
7. कविता में वाजिब हस्तक्षेप का कवि : उदयनारायण सिंह अरुणाभ सौरभ
8. उदयनारायण सिंह का लेखन : बांग्ला-साहित्य का नव पथ - नव गोपाल राय
खंड (ग): समय, संयोग एवं अनुवाद
9. अनुवाद स्वराज भी है, साम्राज्य भी और उपनिवेश भी विजय बहादुर सिंह
10 अनुवाद परंपरा एवं सिद्धांत: भूत वर्तमान एवं भविष्य देवशंकर नवीन
11. भाषा, समय और अनुवाद- सुबोध कुमार
12. पूर्वोत्तर भारत में अनुवाद की परंपरा अरविंद रावत
खंड (घ) : समय, सत्ता एवं वर्चस्व
13. हिंदी-उर्दू का अंतर्कलह और औपनिवेशिक शासन गणपत तेली
प्रो. उदयनारायण सिंह
प्रो. उदयनारायण सिंह 'संकटग्रस्त भाषा केंद्र', विश्व-भारती, शांतिनिकेतन के अध्यक्ष एवं रवीन्द्र भवन के वरिष्ठ प्रोफेसर रहे हैं। इससे पूर्व ये विश्व भारती, शांतिनिकेतन के प्रथम
प्रतिकुलपति थे। तत्पूर्वसन् 2000 से 2009 तक भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भाषाई एकक 'भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के निदेशक थे, जिससे पहले उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर एप्लाइड लिंग्विस्टिक्स एण्ड ट्रांसलेशन स्टडीन (CALTS) की स्थापना की और छात्र कल्याण के अधिष्ठाता भी रहे। वहीं उन्होंने स्टडी इंडिया प्रोग्राम और दूरस्थ भाषा केंद्र की भी स्थापना कर उनका सफल संचालन किया। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे- दिल्ली विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत, महाराजा सायाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा आदि में एक नियमित एवं लोकप्रिय शिक्षक के रूप में अध्यापन के साथ विश्व के अनेक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन किया है। भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर में उन्होंने भारत सरकार के लिए राष्ट्रीय अनुवाद मिशन (NTM) का निर्माण किया और राष्ट्रीय परीक्षण सेवा (NTS) एवं LDC- IL आदि योजनाओं की भी सफलतापूर्वक शुरूआत की। 'नचिकेता' के नाम से मैथिली के प्रमुख सर्जक और 'मिथिला दर्शन' पत्रिका के सफल संपादक होने के साथ बंगाली, हिंदी में अनेक महत्त्वपूर्ण शोध एवं अनुवाद प्रकाशित हैं। इन्होंने करीब 51 पुस्तकों की रचना की है, जिनमें से स्वलिखित (23), संपादित (20) एवं अनुदित (8) हैं। इसके साथ विदेशों में भाषाविज्ञान के माध्यम से अनेक अंतरानुशासनिक बहसों का अकादमिक नेतृत्व किया और दुनिया भर में 17 देशों में व्याख्यान दिया है और देश-विदेश में अनेक सम्मान प्राप्त किए हैं।