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Unnat Bhed Palan (Hindi)

By: A.Kumar
₹ 2,246.00 ₹ 2,495.00

ISBN: 81-7019-531-0,9788170195313
Year: 2016
Binding: Hardbound
Language: Hindi
Total Pages: 344

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पशुपालन व्यवसाय में भेड़ बकरी पालन का महत्वपूर्ण स्थान है जो विकट परिस्थितियों जैसे अकाल, औलावृष्टी, बाढ़ आदि से फसल के नष्ट होने की परिस्थितियों में किसानों के लिए एक सफल जीवन रेखा का काम करता है। भारतीय पशुओं की कम उत्पादकता के कारणों में मुख्य कारण पशुपालन की व्यवहारिक वैज्ञानिक विधियों की पशुपालकों में अनभिज्ञता है। भेड़पालन से लाभ प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि हमारे पशुपालक उन्नत मेड़पालन के चार महत्वपूर्ण पक्ष भेड प्रबंधन, प्रजनन, पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी नवीन तकनीक को अपना कर अपने पशुधन से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। व्यवहारिक भेड़ प्रबन्धन विषय पर हिन्दी में एक अच्छी पुस्तक का अभाव काफी समय से अनुभव किया जा रहा था। लेखकों ने उक्त कमी को दूर करने का सराहनीय प्रयास किया है। पुस्तक में भेड़ पालन को अधिक लाभदायक बनाने के लिए जिन पहलूओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है उन सभी विषयों का काफी सरल भाषा में वर्णन किया गया है ताकि भेड़ पालक व अन्य इच्छुक व्यक्ति इनसे भरपूर लाभ उठा सके। प्रस्तुत पुस्तक में पशुपालन के उपर्युक्त चारों पक्ष संबंधी तकनीकी जानकारी भेड़पालकों के लिए सरल भाषा में उपलब्ध कराई गई है व व्यवहारिकता, सरलता एवं स्पष्ट विवेचना ही इस पुस्तक की विशेषता है। भेड पालन के सभी व्यवहारिक पहलुओं पर अनुभवी वैज्ञानिकों की सहायता एवं संस्थान द्वारा पूर्व प्रकाशित सामग्री की मदद से लिखे गए लेखों को शामिल किया गया है तथा पुस्तक की उपयोगिता बढ़ाने के लिए अन्त में मेड़ पालन से संबन्धित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल जवाब के साथ हिन्दी-अंग्रेजी पारिभाषिक शब्दावली भी दी गई है।

पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक व्यवहारिक भेड़ प्रबन्धन विषयक पुस्तकों के अभाव को पूरा करने में सहायक होगी और इससे छात्र, शिक्षक एवं भेड़ फार्मों के प्रबंधकों, विकास अधिकारियों व योजना अधिकारियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

डा अरुण कुमार, प्रधान वैज्ञानिक (पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन) 1995 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में सेवारत है तथा पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रसार से जुड़े है। वर्तमान में केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद के अतिरिक्त प्रभारी नेटवर्क प्रोजेक्ट शीप तथा प्रभारी मेगा शीप सीड प्राजेक्ट पर कार्यरत हैं व विभिन्न महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं में काम कर चुके है तथा कई में कार्यरत हैं। पशु प्रजनन एवं प्रबंधन विशेषज्ञ डा. अरूण तोमर के 100 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। उनकी सात पुस्तकें, चार पुस्तिकाएँ एवं 25 तकनीकी व प्रसार पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं तथा कई वैज्ञानिक गोष्ठियों में शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं। बकरी पालन, उत्तर पश्चिम क्षेत्र की भेड़ें एवं उनका प्रबंधन, अविपालन, गोधन, भेड़ पालन-मार्गदर्शिका व सिरोही बकरी पालन आदि विभिन्न उपयोगी हिंदी पुस्तकों के लेखन एवं कामधेनु, अविपुंज, सुरभि आदि पुस्तिकाओं के लेखन व सकंलन के साथ साथ सम्पादन करने का भी अनुभव हैं, जिसमें गोपशु परियोजना निदेशालय, मेरठ द्वारा प्रकाशित गाय पालन पर आधारित सुरभि पुस्तक को हिंदी राजभाषा सगंठन, नई दिल्ली की ओर से सराहा एवं पुरस्कृत किया गया। लम्बे समय तक प्रभारी प्रसार रहते हुए किसान मेलों व अन्य अवसरों पर वैज्ञानिक कृषक गोष्ठियों को आयोजित करना ओर उनमें पशु प्रबंधन विषय पर व्याख्यान देने का काफी अच्छा अनुभव हैं।