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Rai-Sarson me Aadhunikh Prabandhan avum Prashansanskaran

By: P, R. Kumar, A. Kumar, D.K. Yadav and P,D, Meena
₹ 2,065.50 ₹ 2,295.00

ISBN: 9789391734213
Year: 2021
Binding: Hardbound
Language: Hindi
Total Pages: 242

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राई-सरसों एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है। खाद्य तेलों की बढ़ती आवश्यकता की पूर्ति के लिए राई-सरसों के उत्पादन को बढ़ाना होगा। इसके लिए नये-नये अनुसंधानों के फलस्वरुप ज्ञात आधुनिक एवं नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया जाये। इसी उद्देश्य से राई-सरसों में आधुनिक प्रबंधन एवं प्रसंस्करण शीर्शक पुस्तक में सरसों की गुण्वक्ता, उन्नत किस्में, बीज और बीजाई कार्यविधियाँ, प्रबंधन एवं प्रसंक्करण के साथ-साथ कृषि यंत्रों एवं आर्थिक ब्यौरों का विवेचन किया गया है। यह पुस्तक किसानों के अलावा विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधकर्त्ताओं एवं कृषि प्रसार कार्यकर्त्ताओं के लिये अति उपयोगी सिद्ध होगी।

डॉ. प्रिय रंजन कुमार

डॉ. प्रिय रंजन कुमार का जन्म 2 जनवरी 1942 को वाराणसी, उत्तरप्रदेश, भारत में हुआ और उन्होंने स्नातक (1963), एम.एस. सी. कृषि (1965) और पीएच.डी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पादप प्रजनन और आनुवंशिकी (1969) विषय में की। उन्होंने अपना पोस्ट डॉक्टरल शोध टोहोकू विश्वविद्यालय, जापान से 1975-77 तक किया।

डॉ कुमार भारत और विदेशों में राई सरसों अनुसंधान में एक मान्यता प्राप्त व्यक्तित्व हैं। उनके सामूहिक प्रयासों, अनुसंधान और विकास एजेंसियों के एकीकरण ने देश को अच्छे के दशक के मध्य में पीली क्रांति का गवाह बनाया। पादप प्रजनक के रूप में, डॉ कुमार ने ठंड सहिष्णु भूरी सरसों जापानी किस्म की युकिना आदि का उपयोग करते हुये कई उच्च उपज वाली राई-सरसों की किस्में / जननद्रव्य विकसित किए। वह डीआरएमआर, भरतपुर द्वारा पहले हाइब्रिड एनआरसीएचबी-506 के विकास में शामिल थे। उन्होंने एलडी 50 और गैर ऑर्थोगोनल तकनीकों के लिए प्रोबेट विधि के उत्कृष्ट उपयोग का प्रदर्शन करते हुए बुनियादी जानकारी पैदा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया कम ईरूसिक एसिड पौधों की स्थिति वर्गानुवंशिक वृक्ष के शीर्ष पर की गयी खोज महत्वपूर्ण मानी जाती है। उनके 400 से अधिक प्रकाशनों में 56 शोध पत्र, 157 शोध पत्र संगोष्ठी, सम्मेलन की कार्यवाही, 12 समाचार पत्र, 116 तकनीकी रिपोर्ट/ स्थिति पत्र, 7 पुस्तकें, 15 अध्याय पुस्तकों में, 30 तकनीकी बुलेटिन, 17 लोकप्रिय लेख शामिल हैं।

प्रो.अरविंद कुमार

प्रसिद्ध शिक्षाविद् और शोधकर्ता प्रो. अरविंद कुमार को रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के पहले कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। 4 जुलाई, 1952 को हरिद्वार में जन्मे प्रो. कुमार के पास अपने क्रेडिट के लिए एक उत्कृष्ट अकादमिक रिकॉर्ड है। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय, मेरठ, यूपी, भारत से एम. फिल (1971) और पीएचडी एग्रोनॉमी (1975) में प्राप्त की ।